हैदराबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में बिक गए सारे झंडे

हैदराबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में बिक गए सारे झंडे

हैदराबाद
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों में इसके समर्थक और विरोधी दोनों ही अपनी रैलियों में तिरंगा लेकर चल रहे हैं जिससे 26 जनवरी से ठीक पहले झंडे की कमी हो गई है। तिरंगे की सप्‍लाई करने वाले लोगों का कहना है कि पहली बार गणतंत्र दिवस पर झंडे की कमी हुई है। मांग को देखते हुए दुकानदारों ने तिरंगे की कीमत दोगुनी कर दी है।
इससे पहले 4 जनवरी को हजारों लोग हैदराबाद की सड़कों पर आ गए थे जिससे राष्‍ट्रीय झंडे का स्‍टॉक और भी कम हो गया। फुटकर विक्रेताओं ने रैली के लिए करीब 3.5 लाख तिरंगा बेचा। बताया जा रहा है कि पिछले 6 दशक में पहली बार शहर में इतने लोग शांतिपूर्वक तरीके से इकट्ठा हुए थे। तिरंगा बेचने वाले दुकानदारों ने निर्माताओं से और झंडा मंगाया है। उधर, निर्माता इस डिमांड को पूरा करने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं।
'अगले दो दिनों में मांग में और ज्‍यादा होगी तेजी'
हैदराबाद में तिरंगे की आपूर्ति करने वाले लोगों का मानना है कि अगले दो दिनों में मांग में और ज्‍यादा तेजी आ सकती है क्‍योंकि 10 जनवरी को असदुद्दीन ओवैसी की मीर आलम ईदगाह से शास्‍त्रीपुरम तक विशाल रैली है। ओवैसी ने ऐलान किया है कि वह चारमीनार पर तिरंगा लहराएंगे और उन्‍होंने 10 गुणे 30 फुट लंबा तिरंगा बनाने का ऑर्डर दिया है। मांग को देखते हुए 15 रुपये के झंडे का दाम 30 और 30 रुपये के झंडे को 50 रुपये में बेचा जा रहा है।
तिरंगा बनाने वाले महेंद्र रेड्डी ने कहा, 'आमतौर पर गणतंत्र दिवस और स्‍वतंत्रता दिवस से पहले तिरंगे की मांग तेज होती है लेकिन पिछले 15 दिन से पूरे देश से तिरंगे की मांग तेज हो गई है। दिल्‍ली के फुटकर विक्रेता कह रहे हैं कि क्‍या आप हमें और ज्‍यादा स्‍टॉक मुहैया करा सकते हैं।' झंडे की दुकान चलाने वाले एम चंदा कहते हैं कि सीएए विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 लाख झंडे बेचे जा चुके हैं।

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