सीएए हिंसा: नाबालिग बेटे की 'रिहाई के बदले' एक साइन, पुलिस ने हिरासत में लिए 300 लोग

सीएए हिंसा: नाबालिग बेटे की 'रिहाई के बदले' एक साइन, पुलिस ने हिरासत में लिए 300 लोग

हरवीर डबास, बिजनौर
सालों की मेहनत के बाद 48 वर्षीय तौकीर अहमद ने सिग्नेचर करना सीखा था। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा के बाद बिजनौर पुलिस ने उनके नाबालिग बेटे को हिरासत में लिया गया था। बेटे की 'रिहाई के बदले' तौकीर ने 28 दिसंबर को एक कागज पर दस्तखत किए। बेटे को घर लाने के 10 दिन बाद मंगलवार को उन्हें पता लगा कि कथित तौर पर उनके द्वारा दी शिकायत के आधार पर पुलिस ने उनके एरिया के 300 लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस के मुताबिक, 20 दिसंबर के बाद हुई हिंसा को लेकर कुल 34 मामले दर्ज किए गए थे और 3,900 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था। उनमें से करीब 146 को गिरफ्तार कर लिया गया है और जल्द ही उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। एसपी (ग्रामीण) विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा, 'पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद ही मामला दर्ज किया था। इस पर तौकीर ने सिग्नेचर किए थे। एसआईटी मामले की जांच कर रही है। तौकीर ने अब तक हमसे संपर्क नहीं किया है।'
तौकीर ने हमारे सहयोगी सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'मेरी शिकायत के आधार पर की गई एफआईआर के बारे में पता चलने पर मैं हैरान रह गया। मैंने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं दी थी। मेरे बेटे और कुछ अन्य युवकों को 20 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया था। उन्हें हवालात में रखा गया था। हमने पुलिस से संपर्क कर उन्हें बताया था कि वे नाबालिग हैं। पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया लेकिन हमसे ऐफिडेविट लिया। मैं पढ़-लिख नहीं सकता, केवल दस्तखत कर सकता हूं। पुलिस ने मुझे अपने बेटे की रिहाई के बदले में एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। मैंने उस पर हस्ताक्षर किए थे। मुझे नहीं पता कि उसपर क्या लिखा गया था।'

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