
हम भारत के सामने बहुत छोटे हैं, बदला नहीं ले सकते: मलयेशियाई पीएम
मंगलवार, 21 जनवरी 2020
Edit
लांकावी (मलयेशिया)
मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनका देश अपने पाम ऑइल के आयात का बहिष्कार किए जाने पर भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने यह माना कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था के सामने मलयेशिया कहीं नहीं टिकता है, इसलिए जवाबी कार्रवाई की सवाल ही नहीं उठता है। मलयेशियाई पीएम ने कहा, 'हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से बेहद छोटे हैं।' उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमें इससे उबरने का तरीका और साधन ढूंढना होगा।'
भारत खाद्य तेलों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है जबकि मलयेशिया भारत को सबसे ज्यादा खाद्य तेल निर्यात करता है। हालांकि, मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किए जाने और नागरिकता कानून में संशोधन किए जाने पर भारत सरकार की आलोचना की तो जवाब में भारत ने इस महीने से मलयेशिया के पाम ऑइल का आयात रोक दिया। चूंकि मलयेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम तेल का उत्पादक देश है, ऐसे में उसके सबसे बड़े आयातक के बहिष्कार से बहुत बड़ा झटका लगा है।
मलयेशिया के लिए बड़ा संकट
भारत पिछले पांच वर्षों से मलयेशिया के पाम तेल का सबसे बड़ा बाजार रहा है। अब इसके बहिष्कार से मलयेशिया को नया बाजार ढूंढना होगा, लेकिन उसके सामने संकट यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में तेल खरीदने वाला कोई एक बाजार मिलना लगभग नामुमकिन है। यही कारण है कि पिछले हफ्ते फ्यूचर मार्केट में बेंचमार्क मलयेशियाई पाम ऑइल का दाम 10 प्रतिशत गिर गया जो 11 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
आर्टिकल 370, CAA पर बिगड़ी बात
मुस्लिम बहुल देश मलयेशिया के 94 वर्षीय प्रधानमंत्री ने भारत के नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 की भी आलोचना की थी। उन्होंने आर्टिकल 370 हटाए जाने को कश्मीर पर भारत का आक्रमण बताया था। उन्होंने सोमवार को सीएए की फिर से निंदा करते हुए कहा कि यह 'बिल्कुल अनुचित' है।
जाकिर नाइक पर भी अड़ा है मलयेशिया
मलयेशिया ने इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को भी शरण दे रखी है। भारत ने नाइक के पर्मानेंट रेजिडेंट स्टेटस वापस लेने की मांग की थी जिसे मलयेशिया ने ठुकरा दिया था। स्वाभाविक है कि भारत इससे भी नाराज है। नाइक मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोपों में भारत में वांछित है। वह तीन साल पहले भारत से भागकर मलयेशिया में रह रहा है।
महातिर ने यहां तक कहा कि भारत सरकार अगर निष्पक्ष न्यायिक कार्रवाई का भरोसा देगा तो भी उसे नाइक को नहीं सौंपा जाएगा क्योंकि वहां नाइक को प्रताड़ित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक को किसी दूसरे देश में भेजने की व्यवस्था की जा सकती है। मलयेशियाई पीएम ने कहा, 'अगर हमें कोई जगह मिली तो हम उन्हें वहीं भेज देंगे।'