यूपी में अब पैन बदलने वाले बेसिक शिक्षकों पर नजर टेढ़ी

यूपी में अब पैन बदलने वाले बेसिक शिक्षकों पर नजर टेढ़ी

लखनऊ
बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी शिक्षकों को तलाशने और उन पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों को करीब दो साल से निर्देश भेजने के बावजूद अब तक कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है। अब एक बार फिर जारी निर्देश में 31 जनवरी तक की नई डेडलाइन दी गई है। ऐसे शिक्षकों की भी जांच-पड़ताल करने को कहा गया है, जिन्होंने बार-बार अपना पैन बदला हो।
आगरा विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर फर्जी बीएड की डिग्रियों की खुलासे के बाद उस पर नौकरी पाए बेसिक शिक्षकों की जांच और पहचान चल रही है। ऐसे 4000 से अधिक लोग हैं, जो फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक बन गए हैं। लेकिन, जिलों के स्तर पर अधिकारियों की मिलीभगत और लापरवाही उनकी पहचान पर भारी पड़ रही है।
मार्कशीट-डिग्री की सेकंड कॉपी लगाने वालों पर नजर
महानिदेशक (स्कूली शिक्षा) विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को भेजे निर्देश में फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए आधार भी बताए हैं। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने वित्त और लेखाधिकारी कार्यालय में अपना पैन बदला हो, उनकी अलग से सूची तैयार कर जांच की जाए। इसके अलावा जिन्होंने, हाईस्कूल, इंटर, बीए, एमए, बीएड आदि की द्वितीय प्रति लगाई हो, उनकी जिलावार सूची तैयार कर अलग से वैरिफिकेशन किया जाए।
सभी बीएसए से कहा गया है कि लेखा विभाग की वेतन सूची से मिला लें कि जो शिक्षक काम कर रहे हैं उनका नाम मेरिट लिस्ट में था या नहीं। कुछ जगहों पर जांच के दौरान फर्जी प्रमाणपत्र को मूल प्रमाणपत्र से बदल दिया जाता है, इन पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

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